DECEMBER 9, 2022
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Kya aap Jante Hain Ki Koyal bacche Vasant Ritu Mein Hi Kyon Dikhai Deti Hai

Kya aap Jante Hain Ki Koyal bacche Vasant Ritu Mein Hi Kyon Dikhai Deti Hai

कोयल पक्षी

वसंत ऋतु के आगमन पर गाँव के आसपास अक्सर कोयल की मधुर आवाज सुनने को मिलता है। आमतौर पर लोग सोचते हैं कि कोयल ही कुहू- कुहू की आवाज करती है बल्कि ऐसा नहीं है कुहू- कुहू की आवाज कोकिल पक्षी यानि नर पक्षी ही कुहू- कुहू की  आवाज लगता है  । कोकिल और कोयल एक दूसरे को दिखाई नहीं  देता है। कोकिल का रंग कौवे की तरह काला होता है,और कोयल का रंग राख की तरह होता है। जिसमें सफेद रंग की चिटियां भी होती है, जिस प्रकार कोकिल पक्षी कुहू- कुहू की मधुर गीत गाता है उस प्रकार कोयल पक्षी को आता ही नहीं है, कुहू- कुहू  गाने वाला कोकिल पक्षी है न कि कोयल पक्षी है।                         वसंत ऋतु आने पर पक्षियों का जनन का मोसम हो जाता है।  इसलिए इस ऋतु में ही कोकिल पक्षी कोयल का ध्यान बटोरने के लिए कुहू- कुहू की मधुर आवाज से उसे पुकारता है। वसंत ऋतु समाप्ति पर  इनका कुहू- कुहू की मधुर आवाज भी  बंद हो जाता है। यही कारण  है कि वसंत ऋतु में ही कुहू  - कुहू की  आवाज  सुनने को मिलता है । कोयल बहुत ही चतुर होती है।  ये कभी भी अपना घोसला नहीं बनाती है ।  ये जल्दी अंण्डे नहीं देती है और देती भी है तो कौवे के अंण्डे को गिरा कर  खुद उनके घोसले में अण्डा देती है और खुद घुमने के लिए चली जाती है।   

                कौवे आमतौर पर मनुष्य बसति  के आस पास ही रहती है।  इसलिए कोयल को कौवे के घोसले में अंण्डे  डालने के लिए मनुष्य बसति के आसपास आना पड़ता है।  इस प्रकार कोकिल पक्षी और कोयल पक्षी गरमियों में हमारे गाँव के आसपास आते हैं। इसलिए  हमें गाँव के चारों ओर कुहू- कुहू की मधुर आवाज सुनाई पड़ती है। वसंत ऋतु की समाप्ति  होने पर ये दूर घने जंगल में चले जाते हैं। इनको बड़े वृक्ष या घने पत्ते वाले वृक्षों पर रहना इन्हें बहुत अच्छा लगता है यही कारण है कि हमें वसंत ऋतु में ही कुहू- कुहू की मधुर आवाज हमारे गाँव के आसपास सुनाई पड़ती है।   


कोयल के रोचक तथ्य         

     1 . नर कोयल नीलापन के साथ काला होता है, उसकी आँखे लाल व पंख पिछे की ओर लम्बे होते हैं।  मादा तीतर की तरह धबेदार व चीतकबरी होती है।                       कोयल का आकार 10 या 11 इंच तक का होता है। इनकी चोंच घुमावदार होती है।

2 .कोयल की औसत उम्र 4 या 6 वर्ष तक ही होती है। कोयल शरवाहारी प्राणी में आने वाला पक्षी है। ये पक्षी अपने भोजन में तितली, मकोड़े, कीट - पतंगे और ऐसे ही बहुत सारे कीट पतंगों के आलावा फल फूल कंद मूल भी खाती  है।

3.कोयल सारे संसार भर में 100 से भी अधिक प्रजातियाँ पाई जाती हैं । कोयल की जादातर प्रजातियाँ  एशिया और अफ्रीका महाद्वीप में पाई जाती है। यह पक्षी भारत देश के झारखण्ड राज्य का राजकीय पक्षी भी है। भारत के उत्तर सीमा को छोड़कर सभी राज्यों में कोयल पक्षी पाई जाती है।

4 .कोयल की आवाज सभी पक्षियों में सबसे मधुर और मीठी होती है। लेकिन नर पक्षी कोकिल ही मधुर आवाज करता है।  कोयल कभी भी जमीन पर नहीं उतरती है, ये पेड़ों में ही रहना पसंद करती है।

5 .दुनिया के अलग- अलग जगहों पर कोयल पक्षी को अलग- अलग नामों से जाना जाता है। जैसे-दुनिया के अलग- अलग जगहों पर कोयल पक्षी को अलग- अलग नामों से जाना जाता है। जैसे-फ़्रांस  में कवकाक, हाँलेण्ड में कोकोक, जर्मनी में ककक्, रूस में क्यूकसका, जपना में कर को और भारत में कोयल

6 . कोयल एक बहुत ही शर्मीली पक्षी है और ये छुपकर आपना जीवन व्यतीत करती है । इसलिए  पेड़ों के डाली से छुपकर रहती है और कभी जमीन पर नहीं उतरती है। 

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